कुछ लिखने के लिए कुछ देखना जरुरी है देखने से ज्यादा उसे समझना और महसूस करना जरुरी है और उससे भी ज्यादा उस अहसास से कुछ सीखना जरुरी है। सीखकर अपने जीवन में उसे लागू करना भी जरुरी है ।अक्सर हम देखते तो है समझते भी है और समझदारी के अहसास से सीखते भी है… Continue reading असहाय मैं और छोटू